Tuesday 22 July 2014

हिन्दी सिनेमा के प्रमुख पार्श्व गायक:मुकेश-----संजोग वाल्टर




मुकेश चन्द्र माथुर (जुलाई 22,1923,लुधियाना - 27 अगस्त 1976 अमरीका ), लोकप्रिय तौर पर सिर्फ़ मुकेश के नाम से जाने जाने वाले, हिन्दी सिनेमा के प्रमुख पार्श्व गायक थे।मुकेश की आवाज़ की खूबी को उनके रिश्तेदार मोती लाल ने तब पहचाना जब उन्होने उसे अपने बहन की शादी में गाते हुए सुना । मोती लाल उन्हे बम्बई ले गये और अपने घर में रहने दिया । यही नही उन्होने मुकेश के लिये रियाज़ का पूरा इन्तजाम किया । इस दौरान मुकेश को एक हिन्दी फ़िल्म निर्दोश (1941) में मुख्य कलाकार का काम मिला । पार्श्व गायक के तौर पर उन्हे अपना पहला काम 1941 में फ़िल्म पहली नज़र में मिला । मुकेश ने हिन्दी फ़िल्म में जो पहला गाना गाया वह था दिल जलता है तो जलने दे जिसमें अदाकारी मोती लाल ने की । इस गीत में मुकेश के आदर्श गायक केएल सहगल के प्रभाव का असर साफ साफ नजर आता है। संगीतकार नौशाद ने फिल्म अंदाज़ के गानों के लिए मुकेश को मौका दिया और केएल सहगल की तरह गाने वाले मुकेश को अब नई पहचान मिल चुकी थी 1948 में उनकी मुलाकात हुई राज कपूर से फिल्म आग में मुकेश को काम मिला गायक और नायक का यही से मुकेश राज कपूर की आवाज़ बन गये मुकेश के पांच बच्चे थे जिनमें से एक लडकी नलिनी की मौत 1978 में हो गयी थी, रीता, नितिन, मोहनीश, नम्रता, नितिन मुकेश के बेटे नील मुकेश भी फिल्मों में काम कर रहे हैं 1976 में जब वे अमरीका के डिट्रोय्ट शहर में दौरे पर थे तब उन्हे दिल का दौरा पडा और उनकी म्रुत्यु हुई ।1974 में मुकेश को रजनीगन्धा फ़िल्म में कई बार यूं भी देखा है गाना गाने के लिये राष्ट्रिय पुरस्कार मिला । कुल चार बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड मिला सब कुछ सीखा हमने अनारी1959 ,सबसे बड़ा नादान पहचान1970,जय बोलो बेईमान की 1972, कभी कभी मेरे दिलमें कभी कभी 1976, सिर्फ कभी कभी को छोड़ कर बाकी जिन तीन फिल्मों के लिए उन्हें अवार्ड मिला उनके संगीत निर्देशक थे शंकर जय किशन
मुकेश के यादगार गीत :
पहली नज़र (1945)
मेला (1948 )
आग (1948 )
अन्दाज़ (1949)
आवारा (1951)
श्री ४२० (1955)
परवरिश (1958)
अनाडी (1959)
सन्गम (1964)
मेरा नाम जोकर (1970 )
धरम करम (1975)
"कभी कभी"(1976 )
तु कहे अगर
ज़िन्दा हूँ मै इस तरह से
मेरा जूता है जापानी (फ़िल्म आवारा )
ये मेरा दीवानापन है (फ़िल्म यहुदी )
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार (फ़िल्म अन्दाज़ )
ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना (फ़िल्म बन्दीनी )
दोस्त दोस्त ना रहा (फ़िल्म सन्गम )
जाने कहाँ गये वो दिन (फ़िल्म मेरा नाम जोकर )
मैने तेरे लिये ही सात रंग के सपने चुने (फ़िल्म आनन्द )
इक दिन बिक जायेगा माटी के मोल (फ़िल्म धरम करम )
मैं पल दो पल का शायर हूँ
कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है (फ़िल्म कभी कभी )
चन्चल शीतल निर्मल कोमल (फिल्म सत्यम शिवम सुन्दरम् )

 साभार :

https://www.facebook.com/sanjog.walter/posts/935990633093887 

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