Sunday 6 August 2017

मुगलों को छोड़िये, दीनदयाल की मौत/हत्या का राज़फाश करिये! ------ नवेंदु कुमार

जनसंघ के अध्यक्ष रहे बड़े नेता बलराज मधोक ने ये इशारा कर तब सनसनी फैला दी थी कि पंडित जी की हत्या के पीछे पार्टी के ही कुछ बड़े नेताओं के हाथ हो सकते हैं।..................उनकी मौत की गुत्थी उन्हीं की पार्टी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार और उसके अपराजेय मुखिया क्यों नहीं सुलझा रहे। सारी फाइलें और समस्त जांच एजेंसियां उनके पास ही तो हैं। तो फिर ये कैसा खेल है कि जहां, जिस रेलवे स्टेशन मुगलसराय पर मरे उनके नेता, उसके नाम बदलने की तो बड़ी बेचैनी है, इस बात की बेचैनी क्यों नहीं कि पंडित दीनदयाल की हत्या/मौत का पर्दाफ़ाश किया जाय? ............ मुगलसराय का नाम बदलने की ही इतनी जल्दी क्यों है? जहां मरे/मारे गये पंडित दीनदयाल उसी जगह का नाम उनके नाम पर क्यों रहे? जिस मथुरा के पैतृक स्थान नंगला चंद्रभान के पंडित जी वाशिंदा थे, उस मथुरा का नाम क्यों नहीं बदला जाय, मुगलसराय का ही क्यों? जिस जयपुर के धनकिया रेलवे स्टेशन वाले ननिहाल में दीनदयाल उपाध्याय जन्मे, उस धनकिया स्टेशन का नाम बदलने से पंडित जी की आत्मा खुश नहीं होगी! 

Navendu Kumar

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